लखनऊ के ठाकुरगंज में बीयर शॉप पर झगड़े मेें तेल व्यवसायी श्रवण साहू के पुत्र आयुष की गोली मारकर हत्या, दो युवकों पर जानलेवा हमला, लूटपाट व अवैध हथियार रखने में हिस्ट्रीशीटर अकील अंसारी को दोषी ठहराते हुए शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
एडीजे आनंद प्रकाश ने अकील पर 1.06 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। जबकि, अकील के साथी अजीम उर्फ बाबू को एक साल कैद व पांच हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है।कोर्ट में सरकारी वकील ने बताया कि वादी श्रवण साहू ने 17 अक्तूबर, 2013 को ठाकुरगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इसमें कहा गया कि 16 अक्तूबर की रात पौने 11 बजे सआदतगंज के सिपाही ने उन्हें सूचना दी कि आयुष को गोली लगी है। वादी ट्रॉमा पहुंचे तो वहां प्रशांत व दिनेश मिले। उन्होंने बताया कि कैम्पवेल रोड स्थित दुकान पर प्रशांत की अकील व बाबू से बीयर खरीदने को कर कहासुनी हुई थी। इस पर बाबू के ललकारने पर अकील ने गोलियां चला दीं। इससे आयुष की मौत हो गई, जबकि उसके दो दोस्त दिवाकर व आकाश घायल हो गए।
आयुष के पिता की हत्या में भी अकील आरोपी
कुख्यात अकील अंसारी आयुष के पिता श्रवण की हत्या का भी आरोपी है। उसके खिलाफ सआदतगंज थाने में यह केस दर्ज है। बेटे की हत्या के मामले में श्रवण जोरदार पैरवी कर रहे थे। आरोप है कि इससे परेशान व घिरता देख अकील ने 2 फरवरी, 2017 की रात घर के बाहर ही श्रवण को गोली मरवा दी थी। मामला काफी दिनों तक राजधानी में सुर्खियों में रहा।